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फासला / शशि सहगल

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दहलीज के इस पार है मेरा गुनाह
फैसला करने वाले बैठे हैं
उस पार दहलीज के।
आसान है
पहाड़ का बोझ उठाना
मुश्किल है बहुत
लकीर पार करना।