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भाग भुंवाळी खावै / राजूराम बिजारणियां
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छोरी
बगत सूं पैलां
क्यूं हुई जावै जुवान.!
इण दोघड़ चिंता में ई
उमर सूं पैलां
बूढी हुयगी मां।