भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

बाखळ / राजूराम बिजारणियां

Kavita Kosh से
आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 22:01, 16 अक्टूबर 2013 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=राजूराम बिजारणियां |संग्रह=चाल भ...' के साथ नया पन्ना बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

दादां-पड़दादां सागै
जुडयोडो
बरसां जूनो
गनो तोड़
थळी नै फदाक‘र
साळ में
फुटरापै सूं सज्योड़ै
माचै माथै
आ‘र बैठगी
बाखळ.!