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बेटी-3 / मनोज कुमार स्वामी
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ब्याह पछै
बेटी नै
पी’र च्यार दिन ई
छोड़ै कोनी
जुवाई
लार रो लार
आज्यै’र
मूंडो लटकार
कैवै-
म्हारी मा री
आसंग कोनी
म्हे सोचूं-
छोरी तो पूरी सूरी
पढ़ी ई कोनी
अर डाक्टर
कद पछै हुयगी !