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म्हनैं ठाह है : दोय / रमेश भोजक ‘समीर’
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म्हनैं ठाह है
कदै-कदास ई
म्हारै स्हैर री सड़कां माथै
निकळै जळूस
अर भेळा होवै
उण रै साथै
तूटोड़ा मिनख घणा-सारा
हाथां मांय झाल्यां
झंडा अर तख्त्यां
लागै केई-केई नारा
जणै फेर
कोई इतिहास सिरजैला....।