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रेतघड़ी / राजेश कुमार व्यास
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पून धोवै
धोरां मंड्या पगलिया
कीं नीं  रैवे बाकी
रेतघड़ी 
कण-कण
री करै गिनती
बित्यौड़े नै करती 
मुगत।
	
	