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थूं कद तांईं देखती रैयसी / रामस्वरूप किसान
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थां रो हांसणौ -
दांत काढ़णौ
रोवणैं -
जलड़ा अर फफड़ा
बोलणौं -
बघारा अर लपोसा
चालणौं -
चळूं-चळूं अर फुरळ-फुरळ
मिलणौं - भिटणौं
डमरा करणौं
गामतरो काढ़णौं
मो‘री तुड़ावणौं
अर मूंह उघाड़णौं -
नागौ होवणौं !
थां री
सभावू क्रियावां री
इण भांत
उड़ती खिल्ली
थूं कद तांई
देखती री रैयसी लुगाई जात !
थनैं खुद लड़णौं पड़सी।