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घर में रमती कवितावां 27 / रामस्वरूप किसान
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गा न को भैंस
ऊंट न को सां‘ड
भेड न को बकरी
कुत्तो न को बिल्ली
फगत आभै चूमती हेली !
फेर ई बो कैवै-
ओ म्हारौ घर है।