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गांव री लुगायां / श्याम महर्षि
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बरत बड़कुलिया करती
धान पीसत-बाजर कूटती
पोठा थापती
गाय दूंवती बाखळ बुहारती
गांव री लुगायां,
गाळ्यां काढ़ती
मोसा मारती
अबखायां सैंवती
काळा आखर
भैंस दांई
जाणती गांव री लुगायां,
घर आयैड़ी,
पगड़ी टोप्यां देखती
लुक जांवती
चुड़या पैरती
मुंह सीम्यां रैवती
गांव री लुगायां,
बास-पडौसा जांवती
दिन भर
गिंगरत गांवती
पीहर सासरै आंवती
रो-रो टुकड़ा खांवती
गांव री लुगायां,
टाबर लडांवती, सासुवां बिसरांवती
पट्टा बांवती
गांव री लुगायां।