भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
चंदो / चैनसिंह शेखावत
Kavita Kosh से
Neeraj Daiya (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 09:59, 18 अक्टूबर 2013 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=चैनसिंह शेखावत |संग्रह= }} [[Category:मूल ...' के साथ नया पन्ना बनाया)
चंदो
मेड़ी ऊपराकर
उचक’र
ताळ मांय झांक्यो
पण बैरी हा
धोळा धोरा
आय बिचाळै
चानणी-चूंदड़ी
खोस लीनी
ओढ’र पसरग्या।