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विस्वास / शिवराज भारतीय

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म्हनै ठा है
विस्वास
आजकलै
गळौ मोसै
विस्वास रो
हाथ नै खावै
हाथ
पण फेर भी
सगळां माथै
अविस्वास सूं
सावळ लागै
हाथ सूं
हाथ रो भख
हाथ रै भख सूं
बणूंला
फकत अपंग
पण विस्वास रै भख सूं
स्यात्
आत्मा इज हुज्यैली
अरधंग।