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बिरखा गीत / शिवराज भारतीय
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टप-टप टपकै छांट
आ चौवै टापली
उमड़-घुमड़ चौतरफा
बिरखा औसरी
आभै में गहरांता बादळ ऊमट्या
हरख्या मोर पपैया
हरख्या सूवटा
करड़ड़-करड़ड़ कड़कै
ऊपर दामणी
रात अंधेरी बणगी
लुकगी च्यानणी
झर-झर, झर-झर
नेह-नीर टपकांवता
बिछड्या मीत ज्यूं
मरू-मेघ मिल ज्यांवता
कदै बीच में
पळका मारै बीजळी
भोम मुळकती रो
चितराम उतारती
सरण-सरण सरणाट
उपाड़ै बायरियो
आँख खोलल्यै
कदै मूंदल्यै चांदड़लो
घणो निपजसी।
सोनो अबकै खेत में
हळ सूं लिखस्यां गीत
ईं बाळू रेत में
धोरां री धरती पर
नाचै मोरिया
इन्दरजी रा गीत
गांवती छोरियां
पाणी दे गुड़ धाणी दे
थूं मोकळा
चूर-चूर नै खावां
दाल‘अर ढोकळा।