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पिता और सूर्य-4 / अमृता भारती

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वसन्त का पाँचवा दिन
झर रहे थे पत्ते --
झर-झर-झर
मेरा 'आतपत्र' भी झर गया, पापा
आपके साथ-साथ

मीलों लम्बी धूप
अब सिर पर भी होगी ।