भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
भगवान / इमरोज़ / हरकीरत हकीर
Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 12:26, 24 अक्टूबर 2013 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=इमरोज़ |अनुवादक=हरकीरत हकीर |संग्...' के साथ नया पन्ना बनाया)
भगवान को मैंने
कभी नाराज़ नहीं किया
खुश करने की जरुरत भी नहीं हुई...