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स्कूल तो था / मिथिलेश कुमार राय

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बात ऐसी नहीं थी
कि लालपुर में स्कूल नहीं था
बात ऐसी भी नहीं थी
कि उसके दिमाग में भूसा भरा हुआ था

बात तो कुछ ऐसी थी
कि उसके घर का खूंटा टूट गया था
बहन बांस हो रही थी
और रात को मां की चीत्कार से
पूरे गांव की नींद खराब हो जाती थी

फिर यह भी एक दृश्य था
कि बीए पास लडका
लालपुर में घोडे का घास छील रहा था

ऐसे में एक रात अगर उसने घर छोड दिया
और पंजाब से पहली चिट्ठी में लिखा
कि मां अब मैं कमाने लगा हूं
चिट्ठी के साथ जो पैसे भेज रहा हूं
उससे घर का छप्पर ठीक करवा लेना
अब जल्दी ही तुम्हरे पेट का दर्द
और बहिन का ब्याह भी ठीक हो जायेगा...

...तो मैं यह तय नहीं कर पा रहा हूं
कि उसने अच्छा किया या बुरा
हालांकि लालपुर में स्कूल था
और उसके दिमाग में
भूसा भी भरा हुआ नहीं था