साँझ के बेरिया मनेमन झंखे / भोजपुरी
साँझ के बेरिया मनेमन झंखे कि कब अइहें तपसी हमार।।१।।
हाँ रे, केहरि से आवेला बारी रे बियहुआ, केहरि से आवे ननदोइया।
हाँ रे, पुरुबे से आवेला बारी रे बियहुआ, पछिमे से आवे ननदोइया।।२।।
हाँ रे, कहवाँ बइठइबों में बारी रे बियहुआ, कहवाँ बइठइबों ननदोइया।
हाँ रे, दुआरा बइठइबों में बारी रे बियहुआ, अँगने बइठइबों ननदोइया।।३।।
हाँ रे, कथिए खिअइबों में बारी रे बियहुआ, कथिए खिअइबों ननदोइया
दाल-भात खिअइबों में बारी रे बियहुआ, से खोअवे खिअइबों ननदोइया।।४।।
हाँ रे, कहवाँ सुतइबों में बारी रे बियहुआ, से कहवाँ सुतइबों ननदोइया।
हाँ रे, अँगने सुतइबों में बारी रे बियहुआ, से खोकवे सुतइबों ननदोइया।।५।।
हाँ रे, कथिए समोधबों में बारी त बियहुआ से कथिए समोधबों ननदोइया।
हाँ रे, बुकवे समोधबों में बारी त बिअहुआ, बिधवे समोधबों ननदोइया।।६।।
खाइबों अपाना अँगना, सुतबों सयल घर कि आहो रामा पनिया, त लगिहें तोहार।।७।।