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कहवाँ ही जलमेला, कहवाँ हीं बाढ़े / भोजपुरी

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कहवाँ ही जलमेला, कहवाँ हीं बाढ़े, कहवाँ हीं भइले खर-पतहेरिया, बाटिन।
गंगा ही जनमीले, देवखर बढ़लीं, ललपुर भइलीं खर-पतहेरिया, बाटिन।।१।।
कथिए के हउवे तोरे बाधवा रे बाधवा, कथिए के लगवले डोरिहवा रे मयना।
हाँ री, मइनी री, सेमरे हउवें मोरे बाघवा, रेशमी लगवलीं पटडोरिया।।२।।
हाँ री, मइनी री, कथिए के हउवे तोरे घड़ा रे घड़िलवा, कथिए लगवले डोरिहवा,
री मइनी, हउर्वे मोरे घड़ा रे घड़िलवा माटीकर, रेशमी लगवलीं पटडोरिया।।३।।
हाँ री, मैना री घुँट्ठी भर पनिया भगरियो न डूबे, कवन दहीजरा नजरी लगावे।।४।।
हाँ री, मइनी री, मतलीय हथिया के मतली महाउत
मतली बटिनियाँ पनिया पिआउ।
कलकतिया सुरतिया, ठोंडरिया के चुनवाँ, मतली बटिनियाँ,
मतली बटिनियाँ सालीमेठी के खिआब।।५।।
सीकिंया जे फूटेला मूंज भइले गाभुड़, कातिक महीनवा साली उढ़रे के दिन।।६।।
गोरे हम लागिले मठवा के देवता, मोरे खेजरिया के भालू चोंथी लेहू।।७।।