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केकर रध आवे झाँप-झँपाहुर / भोजपुरी
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केकर रध आवे झाँप-झँपाहुर, केकर रथ आवे खेह उड़िआइल?
केकर रथ आवे पानी के पियासल, आ गे माई, छुरियन कुँइयवा कोड़ावे।।१।।
कुँइयवा के पनिया निरमल काया, सरवर गइले भुराई।
गांगी रे जमुनी देवी मोरे, पड़ी गइली बलुरेत, पानी बिनु मरल पियासे।।२।।
काली के रथ आवे झाँप-झाँपहुर, दुरुगा के रथ आवे खेह उड़िआइल।
दुरुगा के रथ आवे पानी के पिआसल, आ गे माई, छुरियन कुँइयाँ कोड़ावें।।३।।
कुँइयवा के पनिया निरमल काया, सरवर गहले बढ़िआई।
गांगी रे जमुनी देखी मोर, उछिलत, अइले, काया मोर गइले ठंढ़ाई।।४।।