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जीवन को संगीत बना दो / हनुमानप्रसाद पोद्दार

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जीवन को संगीत बना दो।
मेरी हृान्त्री के तारों से सबको मधु तान सुना दो॥
मेरे जीवनके मधु-रससे सबके जीवनको सरसा दो।
मेरी हँसी सुख-भरीसे तुम सबको हे! दुखमध्य हँसा दो॥
सबके दुखमें मेरे सुखको धन्य बनाकर नाथ! मिला दो।
निज पद-कमल-सुधा-रस-सरिता-तटपर सबको स्थान दिला दो॥