भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

मैंने एक बढ़िया ऑमलेट लिखा / निक्की जोवान्नी

Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 20:10, 20 जनवरी 2014 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=निक्की जोवान्नी |अनुवादक=प्रत्य...' के साथ नया पन्ना बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

मैंने एक बढ़िया ऑमलेट लिखा और खाया
एक गर्म कविता , तुमको प्यार करने के बाद
अपनी गाड़ी का बटन लगाया, और अपने कोट को
चला कर घर आई, बारिश में
तुमको प्यार करने के बाद
मैं लाल पर चली और हरे पर रुकी
यहाँ और वहाँ होने के अन्तराल में
तिरी, तुमको प्यार करने के बाद
मैंने बिस्तर को बाँधा, बालों को बिछाया
ज़रा से असमंजस में, पर परवाह नहीं
अपने दाँतों को रखा, और कपड़ों से किया कुल्ला
फिर मैं खड़ी हुई और ख़ुद को लिटाया
सोने के लिए
तुमको प्यार करने के बाद