भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
परिभाषा / रमाशंकर यादव 'विद्रोही'
Kavita Kosh से
Gayatri Gupta (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 12:39, 24 मार्च 2014 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=रमाशंकर यादव 'विद्रोही' |अनुवादक= ...' के साथ नया पन्ना बनाया)
कविता क्या है
खेती है,
कवि के बेटा-बेटी है,
बाप का सूद है, मां की रोटी है।