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समीकरण / निज़ार क़ब्बानी
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मैं तुम्हें प्यार करता हूँ
इसलिए हूँ मैं
वर्तमान में ।
मैं लिखता हूँ, प्रिय
और पुनः पा लेता हूँ
बीते कल को ।