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तेरी रहमतों की ख़बर नहीं / देवी नांगरानी

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तेरी रहमतों की ख़बर नहीं
मेरी बंदगी में असर नहीं

सदा जिसकी नेकी निहां रहे
कहीं कोई ऐसा बशर नहीं

जहाँ छाँव सुख की मिले मुझे
वहाँ ऐसा कोई शजर नहीं

वो तो ढूँढे बिन ही मिले थे ग़म
मिलीं ख़ुशियाँ ढूँढे मगर नहीं

जिसे लोग कहते हैं ज़िन्दगी
वो तो इतना आसाँ सफर नहीं