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घर में वो जब आया होगा / देवी नांगरानी
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घर में वो जब आया होगा
ख़ुशबू से घर महका होगा
उसने ज़ुल्फ को झटका होगा
प्यार का सावन बरसा होगा
साँसों में है उसकी ख़ुशबू
इस जानिब वो गुज़रा होगा
कलियाँ सारी मुस्काती हैं
उनपे यौवन आया होगा
झन-झन-झन झनकार करे दिल
उसने साज़ बजाया होगा
मुझको संवरता देख के दर्पण
मन ही मन शरमाया होगा
दिल के दर्पण में ऐ ‘देवी’
अक्स निराला आया होगा