Last modified on 11 अप्रैल 2014, at 15:34

एक ऑटोग्राफ / अज्ञेय

Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 15:34, 11 अप्रैल 2014 का अवतरण

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

अल्ला रे अल्ला
होता न मनुष्य मैं, होता करमकल्ला।
रूखे कर्म जीवन से उलझता न पल्ला।
चाहता न नाम कुछ, माँगता न दाम कुछ
करता न काम कुछ, बैठता निठल्ला-
अल्ला रे अल्ला