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असीं एथे ते ढोला छाओनी (ढोला) / पंजाबी
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♦ रचनाकार: अज्ञात
असीं एथे ते ढोला छाओनी
एहनाँ अक्खीयाँ दी सड़क बनाओनी
चन्न माही आवना
जीवें ढोला !
अम डलियाँ--
जित्थे खिलारिया ई उत्थे खलीआँ !
भावार्थ
--'हम यहाँ हैं और ढोला छावनी में है
इन आँखों को सड़क बनाना है
चांद-सा प्रियतम आएगा
जीते रहो ढोला !
आम की फाँकें
जहाँ तुमने मुझे खड़ी होने को कहा था, वहीं खड़ी हूँ !'