Last modified on 29 अप्रैल 2014, at 18:41

प्रेतिनी पिसाच अरु निसाचर निशाचरहू / भूषण

Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 18:41, 29 अप्रैल 2014 का अवतरण

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

प्रेतिनी पिसाच अरु निसाचर निशाचरहू,
मिलि मिलि आपुस में गावत बधाई हैं.

भैरो भूत-प्रेत भूरि भूधर भयंकर से,
जुत्थ जुत्थ जोगिनी जमात जुरि आई हैं.

किलकि किलकि के कुतूहल करति कलि,
डिम-डिम डमरू दिगम्बर बजाई हैं.

सिवा पूछें सिव सों समाज आजु कहाँ चली,
काहु पै सिवा नरेस भृकुटी चढ़ाई हैं.