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हे बेटी पुनीता / कालीकान्त झा ‘बूच’
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जीवन मे पापक रौदी
तोरे सं भूमि पुनीता
भ' गेलि जखन हे बेटी
अयलीह बनलि तोँ बेटी
मरि गेल अकाल सकाले
परि गेल प्राण पर जीवन
भरि गेल मानसक पोखरि
तरि गेल पातकी यौवन
वासन