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यारो, मारो डींग! / गोपालप्रसाद व्यास
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कहौ हमारे बाप के बाप, बाप के बाप,
उनके जूता कौ हुतौ छप्पन गज कौ नाप।
छप्पन गज कौ नाप कि वामैं घुसिगौ हाथी,
बीस बरस तक रह्यौ, चरन-तल कौ संगाती।
मसकि पाँव इक दिन पर्यौ, पिचक गयौ गजराज,
ता जूता कूँ लै उड़े गोरेलाल जहाज।
कहौ-अस्तोवचन!
जा जूता के जोर ते चमक रहे अँगरेज,
वाकी ठोकर ते खुदी मिस्त्र देस में स्वेज।
मिस्त्र देस में स्वेज, कील ते निकसे, राकिट,
गई उधेरी खाल, बनी हिटलर की जाकिट।
कतरन अमरीका गई, साँच बुलावै अम्ब,
ताही सौं पैदा भयौ पहलौ ऐटम बम्ब।
कहौ-अस्तोवचन!