Last modified on 15 मई 2014, at 21:17

हम और अहम / गोपालप्रसाद व्यास

Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 21:17, 15 मई 2014 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=गोपालप्रसाद व्यास |अनुवादक= |संग्...' के साथ नया पन्ना बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

चकवा हम 'चन्द्र सरोवर' के,
मथुरा के मलंग धड़ाम के हैं।
गुन-आगरे, आगरे में हू रहे,
नहीं बावरे हैं, कछु काम के हैं।
ना मुसाहिब काहू अमीर के हैं,
ना गुलाम किसी गुलफाम के हैं।
नहीं खास के हैं, हम आम के हैं,
हम तो जगजीवन राम के हैं।

हम वाहक मोद-विनोद के हैं,
अरु गाहक पान-किमाम के हैं।
गुन-आगरी नागरी पै हैं डटे,
नहीं धौंस के हैं, न सलाम के हैं।
दिल्ली में रहैं, दिल थाम के हैं,
कविता के, कला के, कलाम के हैं।
कवि 'व्यास' सखा घनश्याम के हैं,
बलहीन नहीं, बलराम के हैं।