आल्हा ऊदल / भाग 10 / भोजपुरी
जिब ना बाँचल मोर देवी के सोनवा जान बचाई मोर
नाम रुदल के सुन के सोनवा बड़ मगन होय जाय
लौंड़ी लोंड़ी के ललकारे मुँगिया लौंड़ी बात मनाव
रात सपनवाँ में सिब बाबा के सिब पूजन चलि बनाय
जौन झँपोला मोर गहना के कपड़ा के लावव् उठाय
जौन झँपोला है गहना के कपड़ा के ले आवव् उठाय
खुलल पेठारा कपड़ा के जिन्ह के रास देल लगवाय
पेनहल घँघरा पच्छिम के मखमल के गोट चढ़ाय
चोलिया पेन्हे मुसरुफ के जेह में बावन बंद लगाय
पोरे पोरे अँगुठी पड़ गैल सारे चुरियन के झंझकार
सोभे नगीना कनगुरिया में जिन्ह के हीरा चमके दाँत
सात लाख के मँगटीका है लिलार में लेली लगाय
जूड़ा खुल गैल पीठन पर जैसे लोटे करियवा नाग
काढ़ दरपनी मुँह देखे सोनवा मने मने करे गुनान
मन जा भैया रजा इन्दरमन घरे बहिनी रखे कुँआर
वैस हमार बित गैले नैनागढ़ में रहलीं बार कुँआर
आग लगाइब एह सूरत में नेना सैव लीं नार कुँआर
निकलल डोलवा है सोनवा के सिब का पूजन चलली बनाय
पड़लि नजरिया इंदरमन के से दिन सुनों तिलंगी बात
कहवाँ के राजा एत बरिया है बाबू डोला फँदौले जाय
सिर काट दे ओह राजा के कूर खेत माँ देओ गिराय