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भागु होआ गुरि संतु मिलाइिआ / अर्जुन देव
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भागु होआ गुरि संतु मिलाइिआ।।
प्रभु अबिनासी घर महि पाइिआ।।
सेवा करी पलु चसा न विछुड़ा जन नानक दास तुमारे जीउ।।4।।
हउ घोली जीउ घोलि घुमाई जन नानक दास तुमारे जीउ।।1।।