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विश्व-भाषा / पुष्पिता

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चिड़िया
किसी देश की
भाषा नहीं बोलती है

नहीं बाँटना चाहती है
वह अपना आकाश

चिड़िया की आँखों में
आँसू नहीं होते हैं
क्योंकि
वह सदा होती है
अपनी जमात के साथ।

चिड़िया
कभी विकलांग नहीं होती है
क्योंकि
नहीं जीतना चाहती है
वह कोई युद्ध

चिड़िया
अपने बच्चों का
नाम नहीं रखती है
नहीं बाँटना चाहती है
वह उन्हें किसी धर्म में

चिड़िया
कुछ नहीं छीनती है
वह सिर्फ उड़ना चाहती है
उड़ती रहती है
धूप …बरसात … तूफान में

चिड़िया
कभी, कुछ
बटोर नहीं रखती है
न अपना दिन
न अपनी रात
न अपना घोंसला
न अपने शावक
उसकी कोई रसोई नहीं होती
न कोई भंडार-घर

पूरी पृथ्वी
उसका अपना अनाज-घर है

उड़ान भरती चिड़िया है
आकाशकुसुम
रंगीन और सुंदर नभ-पुष्प।