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मुकिया साखर चाखाया दिधली / गोरा कुंभार
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मुकिया साखर चाखाया दिधली। बोलतं हे बोली बोलवेना॥ १॥
तो काय शब्द खुंटला अनुवाद। आपुला आनंद आधाराया॥ २॥
आनंदी आनंद गिळूनि राहणें। अखंडित होणें न होतिया॥ ३॥
म्हणे गोरा कुंभार जीवन्मुक्त होणें। जग हें करणें शहाणें बापा॥ ४॥