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नभ, अनिल, अनल, जल, पृथ्वी, रवि-शशि-तारे / हनुमानप्रसाद पोद्दार

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नभ, अनिल, अनल, जल, पृथ्वी, रवि-शशि-तारे।
सब जीव चराचर दिशा-द्रुमादिक सारे॥
सर-सरिता-सागर सब कुछ श्रीहरि का तन।
यह जान करे सबका अनन्य अभिवन्दन॥