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यद्यपि तूने किये अनेकों / हनुमानप्रसाद पोद्दार

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(राग अहीर भैरव-ताल धमार)
 
यद्यपि तूने किये अनेकों पातक घोर, दुष्ट-‌आचार।
है यदि तू पातकी जगत का सर्वश्रेष्ठ नेता-सरदार॥
नरक-जन्तु नक्रदि भयानक फल भुगतानेको तैयार।
तो भी ज्ञान-तरणि चढ़ तू तर जायेगा भव-पारावार॥