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राजद्रोही / नित्यानंद गायेन
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कागज़ पर लिखा
सम्राट,
सेना,
फिर लिखा --
ग़ुलाम,
दासता,
जय-जयकार,
सम्राट प्रसन्न हुए...
अब लिखा मैंने
तानाशाह
निरंकुश
विद्रोह
और कारागार
इस बार
राजा के आदेश पर
खंजर से मेरे सीने पर लिखा गया
राजद्रोही...!!