गुहार / महावीर प्रसाद ‘मधुप’
हे मतदाता श्रीमान् दास की विनय
तुम शक्तिमान, सामर्थ्यवान, करूणानिधान, वरदाता हो,
तुम ही माता हो, पिता तुम्हीं, गुरू भी तुम हो, भ्राता हो,
बस एक मात्र सर्वस्व तुम्हीं तुम मेरे भाग्यविधाता हो,
हे शरणागत, रक्षक, स्वामी, तुम ही सच्चे जन त्राता हो,
मैं भला-बुरा, जैसा भी हूँ, सेवक हूँ तनिक विचार करो।
हे मतदाता श्रीमान् दास की विनय आज स्वीकार करो।।
अपनाकर अपनी कृपादृष्टि से, देख जिसे तुम लेते हो,
कृतकृत्य वही हो जाता है, वरदान जिसे दे देते हो,
हो चाहे कोई वज्रमूर्ख, पर जो भी मन भा जाता है,
वह दया तुम्हारी होते ही इच्छित फल का पा जाता है,
तुम भोल बाबा शंकर हो, सपाना मेरा साकार करो।
हे मतदाता श्रीमान् दास की विनय आज स्वीकार करो।।
जब भी दरवाजे पर आकर मैंने दामन फैलाया है,
की है तुमने आशा पूरी, खाली न कभी लौटाया है,
है श्रेय तुम्हीं को तो इसका, जो मंत्री मैं बन पाया हूँ,
फिर उसी तरह इस मौके पर मैं वोट मांगने आया हूँ,
अब तक जिसको करते आए, वह बेड़ा फिर से पार करो।
हे मतदाता श्रीमान् दास की विनय आज स्वीकार करो।।
तुम सच कहते हो, मैं अपने पिछले वादों को भूल गया,
जो पाँच वर्ष के लिए मिला, मद में उस पद के फूल गया,
अपनी मौजों में मस्त रहा, दुख-दर्द तुम्हारे हर न सका,
जो तरह -तरह के वचन दिए थे, पूरे उनको कर न सका,
जाने दो उन बा बातों को, फिर एतबार इस बार करो।
हे मतदाता श्रीमान् दास की विनय आज स्वीकार करो।।
मत कोई गिला करो मुझ पर, अब दिल को अपने साफ़ करो,
जो हुईं ग़लतियाँ हैं मुझसे, उन सबको मित्रो! साफ़ करो,
मैं आशा लेकर आया हँू, खाली न लौट कर जाऊंगा,
यदि मिला नहीं आश्वासन तो सिर फोड़ यहीं मर जाऊंगा,
अब करो न लज्जित और मुझे मत बार-बार तुम ख़्वार करो।
हे मतदाता श्रीमान् दास की विनय आज स्वीकार करो।।
विश्वास दिलाता हूँ तुमको, जो वचन तुम्हें दे जाऊंगा,
इस बार भले ही कुछ भी हो, पूरे करके दिखलाऊंगा,
कोटे, परमिट देकर सबको, मुँहमांगे भाग्य जगा दूंगा,
चाहोगे तो नभ के तारे भी तोड़ धरा पर ला दंूगा।
अब करो बेरूखी दूर मुझे बस सच्चे मन से प्यार करो।
हे मतदाता श्रीमान् दास की विनय आज स्वीकार करो।।
पा गया वजारत फिर से तो फिर कसर न कोई रक्खूंगा,
तस्करी, जोर-बाज़ारी की बेख़ौफ़ खुली छुट्टी दूंगा,
थोड़े असरे में ही मित्रो! तुम धनकुबेर बन जाओगे,
दुख भूल सभी अपने प्यारे, इस सेवक के गुण गाओगे,
अपने भविष्य की चिंता कर सुख के साधन तैयार करो।
हे मतदाता श्रीमान् दास की विनय आज स्वीकार करो।।