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लाडो मँगणा हो / खड़ी बोली

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रचनाकार: अज्ञात

लड़की की इच्छाएँ/अज्ञात

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लाड्डो मँगणा हो सो माँग

राम रथ हाँक दिए।

मैं तो माँगूँ अयोध्या का राज

ससुर राजा दशरथ से ।

लाड्डो मँगना हो सो माँग

राम रथ हाँक दिए।

मैं तो माँगूँ कौशल्या –सी सास

देवर छोटे लछमन से ।

लाड्डो मँगना हो सो माँग

राम रथ हाँक दिए।

मैं तो माँगूँ श्रीभगवान

पलंगों पै बैठी राज करूँ ।

लाड्डो मँगना हो सो माँग

राम रथ हाँक दिए।