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कानि कानि कहथिन सीता / मैथिली लोकगीत
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मैथिली लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
कानि कानि कहथिन सीता
सुनू हनुमान यो
कोना कऽ बिसरि गेला
मोरा भगवान यो
हरि बिनु सून भेल
सकल जहान यो
जल-थल सभ लागय
अगिन समान यो
तइयो नहि अधम तन सऽ
निकलैए प्राण यो
कहथिन सीता दाइ
सुनू मन दए हनुमान यो
कते दुख कहू हम
अपने छी सुजान यो