Last modified on 1 जुलाई 2014, at 06:55

यो अहाँ बाबा बैदनाथ / मैथिली लोकगीत

Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 06:55, 1 जुलाई 2014 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKLokRachna |भाषा=मैथिली |रचनाकार=अज्ञात |संग्रह=देवी...' के साथ नया पन्ना बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

मैथिली लोकगीत   ♦   रचनाकार: अज्ञात

यो अहाँ बाबा बैदनाथ
कते के कयलहुँ सनाथ
अयलहुँ हमहूँ अनाथ, अहाँक नगरियामे
नेने गंगाजल केर भार
ढूढंल जंगल आर पहाड़
अयलहुँ हमहूँ अनाथ, अहाँक नगरियामे
नेने फूल बेलपात
ताकी जंगल आ कैलाश
अयलहुँ हमहूँ अनाथ, अहाँक नगरियामे
नेने चानन ओ अक्छत
ताकी जंगल आ कैलास
अयलहुँ हमहूँ अनाथ, अहाँक नगरियामे