भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

हमरो पर होइऔ सहाय / मैथिली लोकगीत

Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 14:42, 1 जुलाई 2014 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKLokRachna |भाषा=मैथिली |रचनाकार=अज्ञात |संग्रह=देवी...' के साथ नया पन्ना बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

मैथिली लोकगीत   ♦   रचनाकार: अज्ञात

हमरो पर होइऔ सहाय, हे छठि मइया
हमरो पर होइऔ सहाय
चारि पहर राति जल-थल सेबलौं
सेबलौं छठि गोरथारि, हे छठि मइया
हमरो पर होइऔ सहाय
अपना लय मंगलौ अन-धन लछमी
जुग-जुग मांगल अहिबात, हे छठि मइया
हमरो पर होइऔ सहाय
घोड़ा चढ़य लेल बेटा एक मंगलौं
मांगल घर-सच पुतोहु, हे छठि मइया
हमरो पर होइऔ सहाय
बयन बिलहै लेल बेटी एक मांगल
मांगल पंडत जमाय, हे छठि मइया
हमरो पर होइऔ सहाय