भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

आजु वृन्दावन मे बंसिया बजाबे हे / मैथिली लोकगीत

Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 19:31, 1 जुलाई 2014 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKLokRachna |भाषा=मैथिली |रचनाकार=अज्ञात |संग्रह=ऋतू ...' के साथ नया पन्ना बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

मैथिली लोकगीत   ♦   रचनाकार: अज्ञात

आजु वृन्दावन मे बंसिया बजाबे हे
बंसिया शब्द सुनि राधा दौड़ल आबे हे
राधा गेली दही बेचऽ
कृष्ण कयलनि चोरी हे
आजु वृन्दावन मे बंसिया बजाबे हे