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नदिया के तीरे-तीरे फलां भइया खेलथि शिकार / मैथिली लोकगीत

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मैथिली लोकगीत   ♦   रचनाकार: अज्ञात

नदिया के तीरे-तीरे फलां भइया खेलथि शिकार
गे माइ जा कए कहियनु फलां बहिनो हे
आजु भइया औता मेहमान
गे माइ नहि मोरा कोठी अरबा चाउर
पनबसना नहि गूआ-पान
गे माइ कौने विधि राखब भइयाक मान
गे माइ अछि मोरा कोठी अरबा चाउर
तमोलिन मंगाएब गुआ-पान
आगे माइ ताहि विधि राखब भइयाक मान
गाइक गोबर आंगन निपाएब
मधुर राखब मंगाइ
गे माइ ताहि विधि राखब भइयाक मान