मैथिली लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
आरे वृजबाला सुमरब गून
श्याम बिना भवन भेल सून
नयन ने काजर मुख नहि पान
सभ सुख लय गेल गोकुल कान्ह
रिन - रिन कए दय गेल रिन
करय नहि पाप टरय नहि रिन
सूरदास जे गाओल वसन्त
एहि जग बहुरी ने आयल कन्त
आरे वृजबाला सुमरब गून
श्याम बिना भवन भेल सून
नयन ने काजर मुख नहि पान
सभ सुख लय गेल गोकुल कान्ह
रिन - रिन कए दय गेल रिन
करय नहि पाप टरय नहि रिन
सूरदास जे गाओल वसन्त
एहि जग बहुरी ने आयल कन्त