भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
होरीमे लाज ने करू गोरी / मैथिली लोकगीत
Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 19:46, 1 जुलाई 2014 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKLokRachna |भाषा=मैथिली |रचनाकार=अज्ञात |संग्रह=ऋतू ...' के साथ नया पन्ना बनाया)
मैथिली लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
होरीमे लाज ने करू गोरी, होरी मे...
हम ब्रजकेँ रसिया तो गोरी
करे मिलान इहो जोरी, होरीमे, होरीमे...
जे हमरा सौं होरी नहि खेलय
खेलब रंग बरजोरी, होरीमे, होरीमे...
सूरदास जी कहथि कृष्ण सँ
छुटलनि राधा गोरी, होरीमे, होरीमे...