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तुम्हरे संग नहि खेलब होरी / मैथिली लोकगीत

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मैथिली लोकगीत   ♦   रचनाकार: अज्ञात

तुम्हरे संग नहि खेलब होरी, तुम्हरे संग
फागुन मे हम फगुआ खेलायब
चैत खेलब बरजोरी, तुम्हरे संग...
बैसाखहिमे सखि गरमी लगतु हैं
जेठक गर्म मचे होरी, तुम्हरे संग...
आषाढ़ में सखि रिमझिम वर्षा
साओन सर्व मचे होरी, तुम्हरे संग...
भादवमे सखि निशि अन्धी रतिया
आसिन आस पूरल होली, तुम्हरे संग...
कार्तिक कनत नहि आएल सखि हे
अगहन धान मचे होरी, तुम्हरे संग...
पूसक जाड़ हाड़ मोर कांपे
माघक सर्द मचे होरी, तुम्हरे संग...