भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

इकतीस / प्रमोद कुमार शर्मा

Kavita Kosh से
आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 06:48, 4 जुलाई 2014 का अवतरण

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

सबद लोही है
-रोही है
जाणै बळती लालम-लाल कोई
कोई बिरलो ई बचै-
-रचै
आपरी अरथी रा अरथ न्यारा
नींतर राम-नाम सत है
जीव री पछै कांई गत है
चौरासी रो फेर
-बो ही है।