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हाइकु2 / सीमा 'असीम' सक्सेना

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१६)माँ की अर्थी
काँधे पर सजाई
न रो तू बेटा!!

१७)सारा आकाश
समां गया मुझमे
पाकर तुम्हें!!

१८)आम का बौर
आने से भी पहले
आम आ गए!!

१९)यूँ रीझ जाना
पलकों में सजाना
जी में बसना!!

२०)ढाई आखर
समुद्र से गहरा
नभ से ऊँचा!!

२१)आते हो याद
भूलने की कोशिश
नाकाम करके!!

२२)बाप से प्यार
जब तक रहे है
जेब में पैसा!!

२३)तकते रहे
तेरे आने की राह
नयन मेरे!!

२४)दर्द की पोटली
भर लायी है अब
जाना तुम्हारा !!

२५)अच्छे दिन है
खिल आया कमल
पंजे को हटा!!
 
२६)कब आओगे
भ्रम सा बना रहा
आहट पर!!

२७)लांघी सीमाये
बने बंदी दुश्मनों के
गवां दी जान !!

२८)बिन संवाद
जिन्दगी है नीरस
बैठो करीब!!

२९)प्रथ्वी पे अब
न बची हरियाली
उड़ती धूल!!

३०)कोख में बेटी
जानके भ्रूण हत्या
बेटी सहेजो!!

३१)भगवा वस्त्र
उजले खिले मुख
मन है काला!!