भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
सांझ दिअ यशोमति मइया हे / मैथिली लोकगीत
Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 20:27, 4 जुलाई 2014 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKLokRachna |भाषा=मैथिली |रचनाकार=अज्ञात |संग्रह= बिय...' के साथ नया पन्ना बनाया)
मैथिली लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
सांझ दिअ यशोमति मइया हे सांझ बीतल जाइए
बीति गेल बाबा घर के सांझ हे सांझ बीतल जाइए
पहिल सांझ दिअ घर के गोसाउनि हे सांझ बीतल जाइए
दोसर सांझ संझा माइ के देखाबहुँ हे सांझ बीतल जाइए
तेसर सांझ दिअ दुर्गा भवानी हे सांझ बीतल जाइए
चारिम सांझ कलिका माता के देखाबहुँ हे सांझ बीतल जाइए
घरसँ बहार भेली यशोमती मइया हे सांझ बीतल जाइए
घर-घर लक्ष्मी लेथिन बास हे सांझ बीतल जाइए
जुग-जुग रहु दुलहिन अहिबात हे सांझ बीतल जाइए